Garlic Is A Vegetable: लहसुन को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले में कहा गया है कि किस लहसुन कहीं भी बचने के लिए स्वतंत्र है और यह फैसला एक रिव्यू याचिका पर आया है। इस याचिका में किसानों को लहसुन का दाम निर्धारित करने के लिए सरकार के तरफ से बनाए गए नियमों को चुनौती दिया गया था। 9 साल तक इसके लिए लंबी लड़ाई चली की लहसुन को मसाला या सब्जी की कैटेगरी में रखा जाए।
9 साल चली इस लड़ाई में अब फैसला आ गया है और लहसुन को सब्जी की कैटेगरी में रखा गया है। अब किस चटनी मसाला बाजार में भी लहसुन को बेचने के साथ सब्जी मार्केट में भी भेज सकते हैं। वर्तमान मंडी अधिनियम के अंतर्गत लहसुन को बस चटनी मसाला कैटेगरी में रखा जाता है।
आपकी किसानो को मिलेगा सही दाम (Garlic Is A Vegetable)
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसानों को अपने उपज बेचने के लिए स्वतंत्रता मिलनी चाहिए और उन्हें किसी भी तरह के प्रतिबंध से मुक्त रखना चाहिए। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए और उपज के सही दाम मिलने की गारंटी देनी चाहिए। हाई कोर्ट केस फैसले के बाद अब किसान स्वतंत्र होंगे और अपनी फसल कहीं भी सही दाम पर बेच सकेंगे।
किसान को बाध्य नहीं कर सकते (Garlic Is A Vegetable)
एडवोकेट बागडिया ने बताया कि आलू प्याज कमीशन एसोसिएशन ने इस फैसले के खिलाफ रिव्यू याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने कहा है कि किसान अपनी सुविधा के अनुसार अपनी फसल को बेच सकते हैं और उन्हें किसी भी तरह के प्रतिबंध से मुक्त रखा जाना चाहिए.
9 साल से चल रही थी सुनवाई (Garlic Is A Vegetable)
आलू प्याज कमीशन संगठन के द्वारा इस मामले की रिव्यू याचिका लगाई गई थी जिसकी पहले करने के लिए एडवोकेट अजय बगड़िया ने बताया कि मंडी बोर्ड में लहसुन को कृषि उपज मानते हुए इसे कृषि उपज मंडी में बेचने का आदेश दिया था। साल 2016 में प्रमुख सचिव के आदेश के खिलाफ संगठन ने हाई कोर्ट में अपील किया जिसके बाद 2017 फरवरी में एकल जज ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। 2017 में मुकेश सोनी नाम के एक व्यक्ति ने रिव्यू याचिका लगाई। इसके बाद एक बार फिर से लहसुन को चटनी की कैटेगरी में रख दिया गया लेकिन अब लहसुन को सब्जी के कैटेगरी में रखने का फैसला आ गया है।