MP: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है. 36 साल से कर्मचारी जो मांग कर रहे थे उनकी मांग जल्द पूरी होने वाली है. 5 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा और उन्हें सालाना 12000 से लेकर ₹60000 तक का फायदा हो सकता है. मध्य प्रदेश में अभी 7. 50 लाख सरकारी कर्मचारी काम करते हैं और इन कर्मचारियों के द्वारा अपने वेतन को लेकर लंबे समय से मांग किया जा रहा था. जेपी सिंगल आयोग के द्वारा एक कमेटी बनाई गई है और उन्हें वेतन भी संगति को लेकर रिपोर्ट तैयार करना था और अब सिंगल के आयोग के द्वारा रिपोर्ट तैयार कर ली गई है.
मध्य प्रदेश का वित्त विभाग इस रिपोर्ट का जल्दी परीक्षण करेगा उसके बाद इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा और कैबिनेट से जैसे स्वीकृति मिलती है इस पर अमल किया जाएगा.हालांकि अभी 1 साल तक का समय वेतन भी संगति को दूर करने में लग सकता है.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा साल 2020 में सिंगल आयोग का गठन किया गया था और वेतन से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने के लिए कहा गया था.
सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं यह सरकारी कर्मचारी (MP)
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में स्टेनोग्राफर के योग्यता और भर्ती नियम एक ही हैं. लेकिन, जो स्टेनोग्राफर मंत्रालय में पदस्थ हैं, उन्हें साल 1996 से ज्यादा वेतन दिया जा रहा है. भोपाल से प्रकाशित अखबार दैनिक भास्कर के मुताबिक तृतीय श्रेणी के बाबू और चतुर्थ श्रेणी के भृत्य वेतन विसंगति से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. प्रदेश में इन कर्मचारियों की संख्या सवा लाख है. इसके अलावा 50 से ज्यादा विभागों के लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बीच वेतन विसंगति है.