Pager Blast in Lebanon: क्या होता हैं पेजर? क्या हैं ये नया बम, जिसके विस्फोट से घायल हुए हजारों लोग

Jyoti Mishra
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Pager Blast in Lebanon

Pager Blast in Lebanon: 18 सितंबर को लेबनान और सीरिया के कुछ सीमावर्ती क्षेत्र में सिलसिलावर तरीके से धमाके होने लगे। सड़क बाजार और घरों में लोगों की जेब और हाथ में रखे पेजर में अचानक से ब्लास्ट होने लगा। लेबनान से सीरिया तक लगभग 1 घंटे तक धमाका हुआ। इसमें 9 से अधिक लोगों की मौत हो गई वहीं 2000 से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह धमाके हिज्बुल्लाह को निशाना बनाकर पेजर के जरिए किए गए थे, और इस धमाके में आम लोगों को भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। हिज्बुल्लाह ने इसराइल पर इस धमाके का आरोप लगाया है और बदला लेने का ऐलान भी किया है।

3 ग्राम विस्फोटक से इजरायल ने दिया हिज्बुल्लाह को बड़ा मैसेज (Pager Blast in Lebanon)

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इन पेजर को इस साल अप्रैल में के महीने में ताइवान से लेबनान भेजा गया था ऐसे में पूरी संभावना है कि इसकी तैयारी में कई महीने लग गए होंगे और इस धमाके की तैयारी कई महीने पहले ही कर ली गई थी। पेजर में लगी बैटरी के बगल में विस्फोटक लगाया गया था और रिपोर्ट्स के अनुसार दोपहर के समय इन पेज पर एक संदेश आया और इस मैसेज ने पेजर पर लगे विस्फोटक को एक्टिव कर दिया। इसके बाद तेजी से धमाके होने लगे।

जानिए क्यों हिजबुल्ला के सदस्य कर रहे थे पेजर का इस्तेमाल

हिजबुल्लाह के सदस्यों को आपस में बातचीत करने के लिए मोबाइल के जगह पेजर का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था। सदस्यों को मोबाइल से दूर रहने के लिए कहा गया था यही वजह है कि पेजर के जरिए यह सदस्य एक दूसरे को मैसेज भेजते थे और बात करते थे।

यह कैसे काम करता है पेजर बम

पेजर के अंदर एक छोटा सा विस्फोटक लगाकर दूर से ही उसे एक्टिवेट कर दिया गया था। यह एक्शन किसी रेडियो सिग्नल के जरिए भी किया जाता है और एक बार जब विस्फोटक को एक्टिवेट कर दिया जाता है तो शक्तिशाली विस्फोट पैदा हो जाता है। पेजर बम का इस्तेमाल के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल टारगेट किलिंग के लिए किया जाता है और यह टारगेट किलिंग का बेहद खतरनाक तरीका है। कई पेजर बम को एक साथ रखकर बिल्डिंग उड़ाया जाता है।

अब इस बात का है खतरा

 

पेजर विस्फोट या इस प्रकार के ब्लासट से जुड़े कई खतरे हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है। क्योंकि यह एक छोटे से डिवाइस के अंदर छिपा होता है, इसलिए इसे पहचान पाना लगभग नामुमकिन है। दूसरा खतरा यह है कि इसे अनजाने में एक्टिवेट किया जा सकता है। अगर किसी को यह पता न चले कि पेजर में विस्फोटक लगा है, तो वह इसे अनजाने में एक्टिवेट कर सकता है, जिससे एक विस्फोट हो सकता है।

 

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