Agricultural News: देसी जुगाड़ से पता करें खाद असली हैं या नकली, फसलों को नहीं होगा कोई नुकसान

Jyoti Mishra
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Agricultural News

Agricultural News: हमारे देश में आज भी अधिकतर लोग खेती पर निर्भर है। खेती से ही लोग अपना घर चलाते हैं। लेकिन खेती के माध्यम से कमाई करना इतना आसान नहीं है क्योंकि कई बार खेती करने पर किसानों को घाटा भी लगता है। आज के समय में नकली खाद के वजह से फसल उत्पादन में कमी होने लगी है। नकली खाद के वजह से किसानों के उत्पादन में कमी आने लगी है, क्योंकि नकली खाद मिट्टी की उर्वरता को घटा देते हैं।

जानिए कैसे करें नकली खाद के बारे में पता (Agricultural News)

बेगूसराय के किसान प्रो. रामकुमार सिंह, विनोद सिंह, और राजीव कुमार ने बताया कि डीएपी का एक बोरा लगभग ₹1450 में मिलता है, और किसानों के द्वारा इसका इस्तेमाल फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन फसल की कटाई के 3 महीने बाद ही पता चलता है कि DAP नकली है की असली। अगर उत्पादन अच्छा होता है तो किस मानते हैं कि खाद असली था लेकिन अगर फसल की उत्पादन अच्छा से नहीं हुआ है तो लोग समझते हैं कि नकली खाद था।

किसान नहीं पहचान पाते हैं असली और नकली खाद में अंतर 

कई ऐसे किसान है जो असली और नकली खाद में अंतर नहीं पहचान पाते हैं। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा नकली खाद और बीच के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है लेकिन बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर नकली खाद बेचा जाता है और किसान इसके वजह से काफी परेशान रहते हैं।

जानिए कैसे करें असली और नकली खाद की पहचान 

क़ृषि विशेषज्ञ अंशुमान त्रिवेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की DAP जिसे हम डाई अमोनियम सल्फेट कहते हैं दुनिया का सबसे लोकप्रिय फास्फोरस आधारित खाद माना जाता है। इसका उपयोग पौधों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है और इसमें 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होता है।

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असली और नकली के बीच पहचान करने के लिए आप अपने हाथ में थोड़ा सा खाद ले लीजिए और उसमें थोड़ा सा चुना मिला लीजिए। अगर खाद से तेज गंध आने लगे तो समझ लीजिए की खाद असली है और अगर ऐसा नहीं होता है तो समझ लीजिए खाद नकली है।

नकली डीएपी खाद की समस्या से निपटने के लिए किसानों को जागरूक करना और सरकार द्वारा कड़ी जांच और नियंत्रण लागू करना जरूरी है, ताकि खेती से किसानों को बेहतर उत्पादन और आय मिल सके।

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