Krishi Sakhi Yojana: शिवराज सिंह चौहान सबके चाहते नेता हैं और लोग उन्हें मामाके नाम से भी जानते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कैबिनेट में उन्हें दो मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शनिवार 15 जून को दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई और इसमें सरकार के पहले कामों का भी सराहना किया गया इसके साथ ही योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई.
यहीं पर कृषि सखी योजना के बारे में जानकारी दी गई जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है और इसके लिए सरकार कई तरह से अब महिलाओं की मदद करेगी. तो आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
जानें क्या है कृषि सखी कार्यक्रम (What is Krishi Sakhi Yojana)
मंत्री बनने के दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रेस से कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जिसमें से लगभग एक करोड़ लखपति दीदी अभी तक बन चुकी है. ऐसे में एक कृषि सखी योजना है जिसमें प्रशिक्षण देकर कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा ताकि महिलाएं कृषि क्षेत्र से भी कमाई कर सके.
शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मध्य प्रदेश की कमान संभाली गई थी उसे समय महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया था और लाडली बहन योजना के साथ लाडली बहन आवास योजना आदि की शुरुआत की गई थी. अब वह मोदी कैबिनेट में मंत्री बन चुके हैं और उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने में वह योगदान देंगे.
इन राज्यों में शुरू की जाएगी योजना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम किसान की किस्त जारी करने के कार्यक्रम के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को कृषि सखियों के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे और एक प्रतीक के रूप में प्रधानमंत्री 5 कृषि सखियों को प्रमाण पत्र वितरित करेंगे. उन्होंने कहा कि कृषि सखी कार्यक्रम को चरण-1 में 12 राज्यों; गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय में शुरू किया गया है.
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आज तक, 70,000 में से 34,000 से अधिक कृषि सखियों को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है. चौहान ने कहा कि कृषि सखियों को कृषि पैरा-विस्तार कार्यकर्ताओं के रूप में इसलिए चुना जाता है, क्योंकि वे विश्वसनीय सामुदायिक संसाधन व्यक्ति और अनुभवी किसान हैं. कृषि सखियों को पहले से ही विभिन्न कृषि पद्धतियों में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त है, जिससे वे साथी किसानों को प्रभावी ढंग से सहायता और मार्गदर्शन देने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं.