MP CM Transfer Money for Sanitary Pads: मुख्यमंत्री मोहन यादव का लाडली छात्राओं को तोहफा, खाते में भेजे 300-300 रुपए, भारत का पहला राज्य बना मप्र

Jyoti Mishra
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MP CM Transfer Money for Sanitary Pads: मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा एक ऐसी पहल शुरू की गई है जो आज तक भारत के किसी राज्य ने नहीं किया।  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के द्वारा स्कूल और कॉलेज के लिए एक बहुत बड़ा काम किया गया है जिससे छात्राओं में बेहद खुशी देखने को मिल रही है। सरकार ने सेनेटरी पैड खरीदने के लिए 57.18 करोड रुपए दिया है। यह राशि छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांसफर होगी और सभी छात्रा को तीन ₹300 की राशि मिलेगी।

 

राजधानी भोपाल के रवीन्द्र भवन में स्कूल, कॉलेज की छात्राओं के कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने यह राशि अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव  ने 19 लाख 6 हजार 137 छात्राओं के खातों में 57 करोड 18 लाख 41 हजार 100 रुपए की राशि सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांसफर किया है।

मुख्यमंत्री ने सभी को बताया लड़कियों का महत्व (MP CM Transfer Money for Sanitary Pads)

MP CM Transfer Money for Sanitary Pads
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इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी एक बेटी 10 बेटों के बराबर होती है और उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या 9 करोड़ है जिसमें 4.50 करोड़ बहने हैं। अब हमारी बहने लोकसभा विधानसभा में 33% आरक्षण के कारण विधायक सांसद मंत्री और मुख्यमंत्री भी बनेंगे।

 

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे फ्री पैड देने के आदेश (MP CM Transfer Money for Sanitary Pads)

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बता दे की 10 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूल और संस्थाओं को छात्राओं को मुक्त सैनिटरी पैड देने का आदेश जारी किया था। उसे समय कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को छात्राओं की सुरक्षा और स्वच्छता का इंतजाम करने के लिए कहा था और एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य मेंसुरल पीरियड के दौरान स्वच्छता को लेकर योजना बताएं।

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सभी राज्यों से आगे निकला मध्य प्रदेश 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार के द्वारा महिलाओं को फ्री सैनिटरी पद देने के लिए एक नेशनल पॉलिसी बनाई गई लेकिन यह पॉलिसी अभी तक काम नहीं कर रही है। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार ने यह योजना लागू कर दिया जिसके बाद पूरे देश में मध्य प्रदेश की चर्चा हो रही है।

संस्था दसरा ने साल 2019 में दी गई एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल 2.3 करोड़ लड़कियां माहवारी के दौरान स्वच्छता के लिए जरूरी सुविधाएं न होने की चलते स्कूल छोड़ देती हैं। मुफ्त सैनेटरी पैड, सुरक्षा और स्वच्छता मिलने से स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या में न सिर्फ कम होगी। बल्कि यह समस्या पूरी तरह खत्म भी हो सकती है।

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