New Rule: आज रात 12:00 बजे से देश नीति में आपराधिक कानून को लागू कर दिया गया है. 51 साल पुरानी सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता को दिया गया है और भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम लगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रावधान लागू किया जाएगा. अब महिलाओं के प्रति किए गए अपराधों में आपको पहले से कड़ी सजा मिलेगी. इलेक्ट्रॉनिक सूचना के आधार पर भी एफआईआर दर्ज किया जा सकता है.
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आज से बदल गए यह कानून:- (New Rule)
- आपको बता दे 1 जुलाई से पहले दर्ज हुई मामलों में नए कानून का असर नहीं दिखेगा लेकिन आज से जो भी मामला दर्ज होगा उसमें नए कानून का असर दिखेगा.
- 1 जुलाई से नए कानून के अंतर्गत FIR दर्ज होगा और इसका ट्रायल किया जाएगा.
- BNSS में कुल 531 धाराएं हैं. आपको बता दे 177 का संशोधन कर दिया गया है वहीं कई धाराओं को अब हटा दिया गया है.
- अभी तक 511 धाराएं थी लेकिन अब कई धाराओं को हटा दिया गया है.
- इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं. नए कानून में 6 धाराओं को हटा दिया गया है. वही 2 नई धाराओं और उप धाराओं को जोड़ा गया है
- आपको बता दे इसने कानून में फोरेंसिक जांच को ज्यादा महत्व दिया गया है और इसके साथ ही ऑडियो वीडियो का महत्व भी ज्यादा है.
अब कोई भी आदमी जीरो FIR के तहत एफआईआर दर्ज कर सकता है और इसके तहत टीम के द्वारा सर जानकारी प्राप्त किया जाएगा कि यह सत्य है या नहीं.
- E-suchna के आधार पर भी आप FIR दर्ज कर सकते हैं जैसे कि बलात्कार चोरी डकैती आदि से जुड़े मामलों को अब आप आसानी से दर्ज कर सकते हैं।
- फरियादी को FIR, बयान से जुड़े दस्तावेज भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
- FIR के 90 दिन के भीतर चार्जशीट चार्जशीट दाखिल करनी जरूरी होगी. चार्ज से डायर होने के 60 दिन के बाद कोर्ट में केस दर्ज हो जाएगा.
- मामला दायर होने के 30 दिन के बाद जजमेंट देना जरूरी हो गया है .
- अगर पुलिस किसी को अरेस्ट करती है तो उसके परिवार को हर हाल में जानकारी देना होगा और पुलिस चाहे तो ऑनलाइन ऑफलाइन किसी भी तरह जानकारी दे सकती है.
- महिलाओं-बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को BNS में कुल 36 धाराओं में प्रावधान किया गया है. रेप का केस धारा 63 के तहत दर्ज होगा. धारा 64 में अपराधी को अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 वर्ष कैद की सजा का प्रावधान है.